मोहाली। मोहाली जिले के चंडीगढ़-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित डेराबस्सी में वीरवार सुबह एक निर्माणाधीन व्यावसायिक इमारत अचानक भरभरा कर गिर गई। इमारत गिरने से हुए जोरदार धमाके के कारण आसपास दहशत फैल गई। मौके से तीन शव निकालेे गए, जबकि इमारत मालिक को घायल अवस्था में निकाला गया, जिन्होंने अस्पताल में दम तोड़ा। राहत एवं बचाव कार्य में एनडीआरएफ की टीम भी जुटी रही।
Four killed after falling under construction in Derabassi
Mohali. A commercial building under construction in Derabassi on the Chandigarh-Delhi National Highway in Mohali district suddenly collapsed on Thursday morning. Panic spread around the building due to a loud explosion. Three bodies were exhumed from the spot, while the building owner was taken out in an injured condition, who died in the hospital. The NDRF team was also involved in relief and rescue work.
मौके से प्राप्त जानकारी के अनुसार रामलीला मैदान के पास बाजार में पुरानी इमारत में दो भाइयों की दुकानें बन रही थी। दोनों इमारतों का लेंटर डाला जा चुका था और हरदेव सिंह निवासी डेराबस्सी इन बिल्डिंगों की निगरानी करते थे।
बृहस्पतिवार की सुबह 9ः30 बजे के करीब अचानक एक बिल्डिंग का लेेंटर धड़ाम से गिर गया। लेंटर के नीचे मालिक समेत तीन मजदूर दब गए।
मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि मालिक को चंडीगढ़ स्थित मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। वहां इलाज के दौरान उन्होंने भी दम तोड़ दिया।
चार अन्य श्रमिक जो कि बिल्डिंग के बाहर थेए बाल-बाल बच गए।
घटना की जानकारी मिलते ही एसडीएम डेराबस्सी, डीएसपी डेराबस्सी एवं नगर परिषद के अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंच गए। एसडीएम ने अपनी देखरेख में दो बड़ी जेसीबी मशीनें एवं अन्य सामान मंगवा कर मलबा हटाने का काम शुरू करवा दिया।
तुरंत एनडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंच गई। दबे हुए व्यक्तियों को रेस्क्यू का काम शुरू हुआ, परंतु मलबे में इतनी बुरी तरह कुचले जाने के कारण मलबे में दबे हुए मजदूर बच नहीं पाए।
घटना की जानकारी मिलते ही डिप्टी कमिश्नर मोहाली गिरीश दयालन भी मौके पर पहुंच गए और अपने सामने रेस्क्यू ऑपरेशन की देखरेख की। डिप्टी कमिश्नर ने ज्यूडिशियल इंक्वायरी के हुक्म जारी कर दिए।
उन्होंने कहा कि ज्यूडिशियल इंक्वायरी के बाद जो भी दोषी पाए गए उन पर मुकदमे दर्ज किए जाएंगे। 4 घंटे की कड़ी मेहनत के बाद पूरा मलबा हटवा कर किसी और व्यक्ति के दबे न होने के यकीन होने पर ही एसडीएम कुलदीप बावा घटनास्थल से वापस गए।
एमएलए डेराबस्सी एनके शर्मा भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने नगर परिषद के अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि जिरकपुर व डेराबस्सी में अवैध निर्माण धड़ल्ले से चल रहे हैं और नगर परिषद के इंजीनियर आंखें मूंद कर बैठे हैं। यह कोई छोटी घटना नहीं है। इसमें 4 व्यक्ति मर गए इनकी जिम्मेदारी नगर परिषद के अधिकारियों की है।
मौके पर मौजूद नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी जगजीत सिंह जज ने बताया कि निर्माणाधीन बिल्डिंग का नक्शा पास था और कानून के मुताबिक ही बिल्डिंग बन रही थी। बिल्डिंग गिरने के कारणों की जांच होगी। उसके बाद ही पता चल पाएगा कि आखिर लेंटर क्यों गिरा।
घटनास्थल पर मौजूद पूर्व पार्षद एवं स्थानीय लोगों ने नगर परिषद के अधिकारियों पर इल्जाम लगाते हुए कहा कि नगर परिषद में व्यापक रूप में भ्रष्टाचार का बोलबाला है। आज की घटना के लिए नगर परिषद के अधिकारी ही जिम्मेदार हैं।
मारे गए मजदूरों में गोपीचंद 60 पुत्र अनूप लाल, रमेश कुमार 50 पुत्र ठाकु लाल, राजू 40 पुत्र सीताराम सभी जिला अररिया बिहार के रहने वाले थे। हादसे में इमारत मालिक हरदेव सिंह (72) की भी मौत हो गई।